बेलगाम, बेपरवाह अलमस्त, सिरफिरी सी मैं, अपने ही उठाये सवालों के जवाब ढूंढती मैं, बेलगाम, बेपरवाह अलमस्त, सिरफिरी सी मैं, अपने ही उठाये सवालों के जवाब ...
पर सभी एक सुर मैं गाते झंडा ऊंचा रहे हमारा पर सभी एक सुर मैं गाते झंडा ऊंचा रहे हमारा
कभी रोने पर भी पाबंदियां थी तो कभी मुस्कुराने पर भी थे एतराज़ हमसे कभी फ़िज़ूल में कभी रोने पर भी पाबंदियां थी तो कभी मुस्कुराने पर भी थे एतराज़ हमसे कभी...
पतझड़ का मौसम था, कुछ पेड़ों में पत्ते झडे़ थे, कुछ में नए निकल रहे थे, पर , तुम कह पतझड़ का मौसम था, कुछ पेड़ों में पत्ते झडे़ थे, कुछ में नए निकल रहे थे, ...
ना खुदा मिला, ना खुदा के बन्दे मिले, मुर्दों से बदतर कुछ ज़िन्दे मिले ना खुदा मिला, ना खुदा के बन्दे मिले, मुर्दों से बदतर कुछ ज़िन्दे मिले
आप सुनें ना सुने हम गीत गाते रहेंगे हमें नजर अंदाज कर भी लें हम सदा गुनगुनाते रहे आप सुनें ना सुने हम गीत गाते रहेंगे हमें नजर अंदाज कर भी लें हम सदा गुनगुन...